Wednesday, 9 March 2016

रेल बजट 2016-17

रेल बजट 2016-17


हाल ही में रेलमंत्री सुरेश प्रभु ने लोक सभा में आर्थिक वर्ष 2016-17 के लिए रेल बजट पेश किया । भारत की पारंपरिक प्रथा के अनुरूप इस बजट पर भी काफी सकारात्मक और नकारात्मक दोनों ही तरह की प्रतिक्रियाएँ आई । इस बीच यह जानना जरूरी हो जाता है की यह बजट यथार्थ मे क्या लाया? तो पेश है यथार्थ-ए-रेल बजट !

आरक्षण
भारत की राजनीति में आरक्षण सदा से ही लुभाने का जरिया रहा है। इस रेल बजट में भी वरिष्ठ नागरिकों को हर ट्रेन मे 120 निचली सीटें (बर्थ) आरक्षित करने वहीं महिलाओं के लिए भी 33 प्रतिशत सीटें आरक्षित करने का आश्वासन दे एक तरह से महिलाओं और देश के बुजुर्गो का प्रोत्साहन हासिल करने की कोशिश की गयी है कहें तो गलत नहीं होगा ।

रेल्वे का नया स्वरूप
रेलवे को ढांचेगत तौर से परिवर्तित करने की मंशा इस बजट में नजर आई। 400 स्टेशनो को वाय-फाय युक्त करने की घोषणा की गयी जिसमे से 100 स्टेशनो को इसी साल वहीं बाकियों को आगत्य वर्षों में पूर्ण किया जाएगा । वहीं 400 स्टेशनो को निजी कंपनियों की साझीदारी से पुनर्निर्मित कर नवनीत करने की भी परियोजना आँकी गयी है । अभी स्टेशनो को CCTV केमेरों के घेरे मे लाने का अति आशान्वित लक्ष्य भी इस बजट में रखा गया। साथ ही नए स्वरूप को सजाने के उदेश्य से कहें या कुलियो की संवेदना हासिल करने की मंशा से- कुलियों का गणवेश मे बदलाव की घोषणा ,वहीं उनका नाम “कुली” से तबदीली कर “सहायक” करने की महत्वकांशी घोषणा भी बजट में शामिल है। इन सब के साथ साथ ट्रेनो में FM सुविधा और मुफ्त पत्रिकाओं का वितरण जैसी मन लुभावनी चीजे भी इस रेल बजट में शामिल हैं ।

परियोजनाएँ
इस बजट में वैसे तो कोई बड़ी परियोजना का ऐलान नहीं किया गया लेकिन कुछ चीजे जरूर ध्यान आकारहित करती हैं जैसे की : मुंबई – अहमदाबाद सुपरसॉनिक कॉरीडोर का कार्य शुरू करने की उद्घोषणा , तो वहीं नए तरह तरह की सुविधा के तहत “क्लीन माइ कोच” नामक SMS प्रणाली शुरू करने की बात कहीं गयी जिसके तहत निजी कंपनियों के साझीदारी से प्रवासियोंके SMS की दरख्वास्त पर कोच साफ करवाया जाएगा जो की रेल की सफाई और प्रधानमंत्री की स्वच्छ भारत मुहिम को भी बढ़ावा देगा । एक और नवीन पद्धती द्वारा अब 139 इस नंबर से भी टिकिट कैन्सल करने की सुविधा उपलब्ध होगी और साथ ही टिकिट रद्द करने हेतु स्टेशनो पर कुल 1780 महीने भी लगायीं जाएंगी ।

क्या कुछ नया ?
नयी चीजों की बात की जाए तो चार नयी ट्रेनों की घोषणा हुयी जिसमे होंगी : “हमसफर एक्सप्रेस” जो की पूरी तरह से वातानुकूलित होगी , दूसरी “तेजस एक्सप्रेस” जिसकी रफ्तार 130 किलोमीटर से अधिक होने की उम्मीद जताई जा रही है जो की भारतीय रेल के आगामी रफ्तार की एक झलक होगी, वहीं “उदय एक्सप्रेस” नमक डबल डेकर ट्रेन की घोषणा हुयी तो वहीं आम जन मानस के लिए विशेष “अंत्योदय एक्सप्रेस” की घोषणा हुयी जो की पूरी तरह से अनारक्षित होगी। लोगो को सुविधाजनक सफर देने के उद्देश्य से बच्चो को दूध एवं नवजात भोज्य प्रदान करने की बात कही गयी,साथ ही सभी कोचो में चार्जिंग स्लॉट और पानी की सुविधा भी मौजूद होगी। पहली बार ही दिव्यांगों के लिए स्टेशनो पर खास प्रसाधन कक्ष बनाने की भी कवायत शुरू की जाएगी । युवाओं को इस बजट से जोड़ते हुये ऑनलाइन भर्ती,इंटर्नशिप देने का वादा और मनुसार भोजन ओनबोर्ड प्रदान करवाने की सुविधा शुरू करने का भी वादा किया गया ।

इन तमाम चीजों के साथ-साथ कई और वादे और घोषणाएँ हुईं जिसे “विजन 2020” के कक्ष मे रखा गया , यहाँ ये बात गौर करनी जरूरी हो जाती हैं की भाजपा का कार्यकाल केवल 2019 तक ही हैं लेकिन वादों और घोषणाओं को पूर्ण करने का लक्ष्य 2020 रखा गया है । लेकिन लगातार दूसरे वर्ष भी बिना किराए एवं मालभाड़े में बढ़ोतरी किए इस तरह की महत्वकांक्षी वादे करना अपने आप में बड़ी बात हैं , अगर यह पूरे होते हैं तो जनता के साथ साथ रेल्वे की तस्वीर के लिए भी बहुत अच्छी बात होगी लेकिन सबसे बड़ा सवाल यह की इन सब के लिए फ़ंड कहाँ से आएगा? सुरेश प्रभु के आश्वासनो को देखे और जानकारों की माने तो डीजल के गिरते दामों से ईंधन खर्चो में बचत,ट्रेनों और स्टेशनो पर FM सुविधा और पत्रिकाओं की हुयी घोषणाओं मे व्याप्त विज्ञापनो द्वारा अर्जन और प्राइवेट कंपनियो के साथ साझीदारियों से इसमे काफी मदद होगी एकिन बावजूद इन सब के यह सारे वादे पूरे करना अपने आप में एक बड़ी चुनौती हैं । खैर फिलहाल आशा बस इतनी की रेल बजट में निहित सारी कवायत सफल रहें ।

                                                                 -राहुल खंडालकर 

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