Wednesday 9 March 2016

A Friday Evening at Hazrat Nizamuddin

A Friday Evening at Hazrat Nizamuddin


19th November, 2015 at Hazrat Nizamuddin’s Dargah:   It was after a long time that, I visited any dargah of delhi. It was 19th November of 2015, when i came to catch a report again in New Delhi. On this day, me and my friends were visited Hzrat Nizamuddin’s Dargah in the mood of an evening walk. The dargah is the centre of attraction of the area called Nizamuddin Circle. Here a biggest market and a huge crowd covered the dargah. Thoughh it was hidded in the market and it’s surroundings but, you can feel it’s spirituality from the very outside via watching the tourists and hearing the namaz. When everyone saw the sunset over the dargah, we put our footsteps towards this. Each and every step become a shocking feeling of to be close to the god. At the moment when, you will entered in Hazrat Nizamuddin via  the little lanes of market decorated by spiritual metarials, you will find yourself moving one world to another world. And finally after all borders, you will got the entry on the door of Hazrat Nizamuddin.
        Hazrat Nizamuddin’s dargah is not a dargah only, it’s one of the famous historical heritages of our country, where the history preserved. Sometimes on the books, sometime on the stones of the walls and sometime on the grave plates also, you can find the importance of humanity, love and the other beauties of kuran everywhere. Though it’s a spiritual place of muslims but, we could saw that, the hindus, Christians and all of the religions mixed like, no-one can judge their proper dharma. And the special thing is that, the day was a Friday. We all know that Friday is called as the day of ‘Jumma’ for muslims. It’s a special day for muslims. So, we got a nice experience of spirituality also and specially the religious song (kawali) at evening makes my day perfect. Even you know that, famous singer A.R. Rahman also sang a kawali in the movie ‘Rockstar’ for Hazrat Nizamuddin. But the dargah is not famous for those few things, it’s famous as a powerful source to make your ‘ dream come true’. It’s like a shooting star in the sky of our motherland. Because, people believed that, the lord of this dargah made the our wishes true.
        ‘Ishq e ibadat’, is the very faomous words in muslims, specially used in kuran to describe the equality in love and the lord. By this words they wants to say that, ‘ishq’(love) is ‘ibadat’, that means love is the only path to reach the doorsteps of ‘Allah’. This dargah is also knowned as ‘Ashiko ka dargah’. The religious people told that, if any true lover come here to make a wish, then it will true. But we were not the lovers, but the love of travelling played the role of ‘Cupid’ in us. So, the Friday evening become so spiritual and gorgeous for our life. And the Friday also become a fantabulous Friday to us. Though the visitors think that Friday is not a good day to visit this, I will say them they are apsolutely wrong. Because, on Friday the dargah become so spiritual, so beautiful and so gorgeous, and by this, our Friday got a fantastic ending.




-          Indranil Nandi

रेल बजट 2016-17

रेल बजट 2016-17


हाल ही में रेलमंत्री सुरेश प्रभु ने लोक सभा में आर्थिक वर्ष 2016-17 के लिए रेल बजट पेश किया । भारत की पारंपरिक प्रथा के अनुरूप इस बजट पर भी काफी सकारात्मक और नकारात्मक दोनों ही तरह की प्रतिक्रियाएँ आई । इस बीच यह जानना जरूरी हो जाता है की यह बजट यथार्थ मे क्या लाया? तो पेश है यथार्थ-ए-रेल बजट !

आरक्षण
भारत की राजनीति में आरक्षण सदा से ही लुभाने का जरिया रहा है। इस रेल बजट में भी वरिष्ठ नागरिकों को हर ट्रेन मे 120 निचली सीटें (बर्थ) आरक्षित करने वहीं महिलाओं के लिए भी 33 प्रतिशत सीटें आरक्षित करने का आश्वासन दे एक तरह से महिलाओं और देश के बुजुर्गो का प्रोत्साहन हासिल करने की कोशिश की गयी है कहें तो गलत नहीं होगा ।

रेल्वे का नया स्वरूप
रेलवे को ढांचेगत तौर से परिवर्तित करने की मंशा इस बजट में नजर आई। 400 स्टेशनो को वाय-फाय युक्त करने की घोषणा की गयी जिसमे से 100 स्टेशनो को इसी साल वहीं बाकियों को आगत्य वर्षों में पूर्ण किया जाएगा । वहीं 400 स्टेशनो को निजी कंपनियों की साझीदारी से पुनर्निर्मित कर नवनीत करने की भी परियोजना आँकी गयी है । अभी स्टेशनो को CCTV केमेरों के घेरे मे लाने का अति आशान्वित लक्ष्य भी इस बजट में रखा गया। साथ ही नए स्वरूप को सजाने के उदेश्य से कहें या कुलियो की संवेदना हासिल करने की मंशा से- कुलियों का गणवेश मे बदलाव की घोषणा ,वहीं उनका नाम “कुली” से तबदीली कर “सहायक” करने की महत्वकांशी घोषणा भी बजट में शामिल है। इन सब के साथ साथ ट्रेनो में FM सुविधा और मुफ्त पत्रिकाओं का वितरण जैसी मन लुभावनी चीजे भी इस रेल बजट में शामिल हैं ।

परियोजनाएँ
इस बजट में वैसे तो कोई बड़ी परियोजना का ऐलान नहीं किया गया लेकिन कुछ चीजे जरूर ध्यान आकारहित करती हैं जैसे की : मुंबई – अहमदाबाद सुपरसॉनिक कॉरीडोर का कार्य शुरू करने की उद्घोषणा , तो वहीं नए तरह तरह की सुविधा के तहत “क्लीन माइ कोच” नामक SMS प्रणाली शुरू करने की बात कहीं गयी जिसके तहत निजी कंपनियों के साझीदारी से प्रवासियोंके SMS की दरख्वास्त पर कोच साफ करवाया जाएगा जो की रेल की सफाई और प्रधानमंत्री की स्वच्छ भारत मुहिम को भी बढ़ावा देगा । एक और नवीन पद्धती द्वारा अब 139 इस नंबर से भी टिकिट कैन्सल करने की सुविधा उपलब्ध होगी और साथ ही टिकिट रद्द करने हेतु स्टेशनो पर कुल 1780 महीने भी लगायीं जाएंगी ।

क्या कुछ नया ?
नयी चीजों की बात की जाए तो चार नयी ट्रेनों की घोषणा हुयी जिसमे होंगी : “हमसफर एक्सप्रेस” जो की पूरी तरह से वातानुकूलित होगी , दूसरी “तेजस एक्सप्रेस” जिसकी रफ्तार 130 किलोमीटर से अधिक होने की उम्मीद जताई जा रही है जो की भारतीय रेल के आगामी रफ्तार की एक झलक होगी, वहीं “उदय एक्सप्रेस” नमक डबल डेकर ट्रेन की घोषणा हुयी तो वहीं आम जन मानस के लिए विशेष “अंत्योदय एक्सप्रेस” की घोषणा हुयी जो की पूरी तरह से अनारक्षित होगी। लोगो को सुविधाजनक सफर देने के उद्देश्य से बच्चो को दूध एवं नवजात भोज्य प्रदान करने की बात कही गयी,साथ ही सभी कोचो में चार्जिंग स्लॉट और पानी की सुविधा भी मौजूद होगी। पहली बार ही दिव्यांगों के लिए स्टेशनो पर खास प्रसाधन कक्ष बनाने की भी कवायत शुरू की जाएगी । युवाओं को इस बजट से जोड़ते हुये ऑनलाइन भर्ती,इंटर्नशिप देने का वादा और मनुसार भोजन ओनबोर्ड प्रदान करवाने की सुविधा शुरू करने का भी वादा किया गया ।

इन तमाम चीजों के साथ-साथ कई और वादे और घोषणाएँ हुईं जिसे “विजन 2020” के कक्ष मे रखा गया , यहाँ ये बात गौर करनी जरूरी हो जाती हैं की भाजपा का कार्यकाल केवल 2019 तक ही हैं लेकिन वादों और घोषणाओं को पूर्ण करने का लक्ष्य 2020 रखा गया है । लेकिन लगातार दूसरे वर्ष भी बिना किराए एवं मालभाड़े में बढ़ोतरी किए इस तरह की महत्वकांक्षी वादे करना अपने आप में बड़ी बात हैं , अगर यह पूरे होते हैं तो जनता के साथ साथ रेल्वे की तस्वीर के लिए भी बहुत अच्छी बात होगी लेकिन सबसे बड़ा सवाल यह की इन सब के लिए फ़ंड कहाँ से आएगा? सुरेश प्रभु के आश्वासनो को देखे और जानकारों की माने तो डीजल के गिरते दामों से ईंधन खर्चो में बचत,ट्रेनों और स्टेशनो पर FM सुविधा और पत्रिकाओं की हुयी घोषणाओं मे व्याप्त विज्ञापनो द्वारा अर्जन और प्राइवेट कंपनियो के साथ साझीदारियों से इसमे काफी मदद होगी एकिन बावजूद इन सब के यह सारे वादे पूरे करना अपने आप में एक बड़ी चुनौती हैं । खैर फिलहाल आशा बस इतनी की रेल बजट में निहित सारी कवायत सफल रहें ।

                                                                 -राहुल खंडालकर 

माधोपट्टी

जी हाँ, आपने अब तक जितने कैडेट सुने होंगे उनमें एक और जोड़ लीजिये, ये है माधोपट्टी कैडेट : ये कोई राज्य नहीं बल्कि एक उत्तर प्रदेश के जौनपुर जिले का एक गाँव है जिसमें सिर्फ अफसर जन्म लेते हैं, और इस गाँव का नाम है माधोपट्टी अर्थात माधवपट्टी ।

माधोपट्टी एक ऐसा गांव है जहां से देश को कई आईएएस और ऑफिसर मिलते हैं। कहने को इस गांव में केवल 75 घर हैं, लेकिन सिर्फ वर्तमान की बात की जाए तो यहां के 47 आईएएस अधिकारी विभिन्‍न विभागों में सेवा दे रहे हैं, यदि PCS और आईपीएस की बात की जाए तो ये लिस्ट न जाने कहाँ पहुंचे । इस गाँव का योगदान सिर्फ यहीं खत्म नहीं होता , माधोपट्टी की धरती पर जन्मे सपूत इसरो, भाभा, और विश्‍व बैंक तक में अधिकारी बनते हैं। यह गाँव सिरकोनी विकास खण्ड का एक छोटा सा हिस्सा है ; मगर देश के प्रशासनिक खंड में यह गाँव एक बड़ा हिस्सा कवर करता है। इस गांव के अजनमेय सिंह विश्‍व बैंक मनीला में, डॉक्‍टर निरू सिंह लालेन्द्र प्रताप सिंह वैज्ञानिक के रूप भाभा इंस्टीट्यूट तो ज्ञानू मिश्रा इसरो में सेवाएं दे रहे हैं। यहीं के रहने वाले देवनाथ सिंह गुजरात में सूचना निदेशक के पद पर तैनात हैं.
कहाँ से शुरू हुई ये होड़ :
कहते हैं 1952 में इस गाँव के इन्दू प्रकाश सिंह का आईएएस परीक्षा में दूसरी रैंक के साथ सलेक्शन क्या हुआ मानो यहां के युवाओं में अधिकारी बनने की होड़ लग गई । क्या लड़के क्या लडकियां , ये गाँव बस अधिकारी निकालता ही चला गया ।
आईएएस बनने के बाद इन्दू प्रकाश सिंह फ्रांस सहित कई देशों में भारत के राजदूत रहे। सिंह के बाद इस गांव के चार सगे भाइयों ने आईएएस बनकर एक इतिहास रच दिया जो भारत में अब तक अविजित कीर्तिमान है। इन चारों सगे भाइयों में सबसे बड़े भाई विनय कुमार का चयन 1955 में आईएएस की परीक्षा में 13वीं रैंक के साथ हुआ । विनय सिंह बिहार के मुख्यसचिव पद तक पहुंचे ।
सन् 1964 में उनके दो सगे भाई क्षत्रपाल सिंह और अजय कुमार सिंह एक साथ आईएएस अधिकारी बने। क्षत्रपाल सिंह तमिलनाड् के प्रमुख सचिव रहे। वहीं चौथे भाई शशिकांत सिंह 1968 आईएएस अधिकारी बने। सिर्फ बेटे ही नहीं इस गाँव की बेटियां गरिमा सिंह आईपीएस और सोनल सिंह का चयन IRS में हुआ। इसके अलावा इस गांव की आशा सिंह 1980, उषा सिंह 1982, कुवंर चद्रमौल सिंह 1983 और उनकी पत्नी इन्दू सिंह 1983, अमिताभ बेटे इन्दू प्रकाश सिंह 1994 आईपीएएस उनकी पत्नी सरिता सिंह 1994 में चयनित होकर इस श्रृंखला को आगे बढ़ाया ।
इसी गाँव के शृीप्रकाश सिंह IAS,वर्तमान में उ.प्र.के नगर विकास सचिव हैं । 2002 में शशिकांत के बेटे यशस्वी न केवल आईएएस बने बल्‍कि इस प्रतिष्ठित परीक्षा में 31वीं रैंक हासिल की।
उच्च सेवाओं के अलावा :
अगर आईएएस आईपीएस से थोड़ा पीछे आएं और बात करें PCS सेवा की तो पीसीएस अधिकारियों की यहां एक लम्बी फौज है। इस गांव के राममूर्ति सिंह ,विद्याप्रकाश सिंह , प्रेमचंद्र सिंह , महेन्द्र प्रताप सिंह ,जय सिंह ,प्रवीण सिंह व उनकी पत्नी पारूल सिंह ,रीतू सिंह पचस अधिकारी हैं इनके अलावा अशोक कुमार प्रजापति, प्रकाश सिंह ,राजीव सिंह ,संजीव सिंह ,आनंद सिंह ,विशाल सिंह व उनके भाई विकास सिंह ,वेदप्रकाश सिंह ,नीरज सिंह भी पीसीएस अधिकारी बने चुके हैं। अभी हाल ही 2013 के आए परीक्षा परिणाम इस गांव की बहू शिवानी सिंह ने पीसीएस परीक्षा पास करके इस परम्परा को जीवित रखा है 

                                                                           -राहुल खंडालकर

Tuesday 1 March 2016

आम बजट 2016: स्मोकिंग करने वालों के लिए बुरी खबर

आम बजट 2016: स्मोकिंग करने वालों के लिए बुरी खबर




 स्मोकिंग करने वालों के लिए बुरी खबर है। बीड़ी छोड़कर तंबाकू उत्पाद 15 फीसदी टैक्ट बढ़ा दिया है। सिगरेट, पान मसाला, सिगार और गुटका महंगा हो गया है। 
यह घोषणा वित्त मंत्री अरुण जेटली ने अपने बजट भाषण दौरान की है। उन्होंने कहा कि बीड़ी को छोड़कर तंबाकू उत्पादों पर उत्पाद शुल्क 10 से बढ़ाकर 15 प्रतिशत टैक्स बढ़ा दिया है। वहीं सोना और हीरे खरीदना भी मंहगा हो गया है।

आम बजट : मुख्य बिंद

-10 लाख से अधिक की लक्जरी कार पर एक प्रतिशत अतिरिक्त कर, छोटी कारों पर एक प्रतिशत इंफ्रा कर, डीजल कारों पर 2.5 प्रतिशत और एसयूवी पर चार प्रतिशत उपकर।
-एक करोड़ रुपए से अधिक आय वालों के आयकर पर 15 प्रतिशत अधिभार। 
- बैंकों का आगामी वित्त वर्ष में पुनर्पूंजीकरण।
- दूरदर्शी वित्तीय नीति की जरूरत। घरेलू मांग बढ़ाए जाने की जरूरत। सुधार की जरूरत।
- कृषि, ग्रामीण क्षेत्र, अवसंरचना और सामाजिक क्षेत्र के लिए कोष बढ़ा।
- 7वें वेतन आयोग की सिफारिशों और ओआरओपी कार्यान्वयन के चलते खर्च की प्राथमिकता तय करना जरूरी।
- सुधार के नौ स्तंभ। इनमें कृषि, सामाजिक क्षेत्र, शिक्षा, अवसंरचना, वित्तीय अनुशासन और कर सुधार शामिल।
- संकटपूर्ण वैश्विक अर्थव्यवस्था की पृष्ठभूमि में बजट पेश।
- विरासत में मिली चुनौती को अवसर में बदला।
- उपभोक्ता महंगाई दर घटकर 5.4 फीसदी आई, जो पहले नौ फीसदी से अधिक थी। आम आदमी को राहत मिली।
- विदेशी पूंजी भंडार (फॉरेक्स रिजर्व) सर्वोच्च स्तर पर।